बिहार में फर्जी अस्पतालों का राज खोलने वाले एक पत्रकार को किनने जिंदा जलाकर मार डाला

बिहार में फर्जी अस्पतालों का राज खोलने वाले एक पत्रकार को किनने जिंदा जलाकर मार डाला


-- समाचार डेस्क
-- 14 नवंबर 2021

बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के एक सड़क किनारे से करीब 22 वर्षीय युवक का अधजला शव गत शनिवार को ही मिला । यह शव बोरे में बांधकर फेंका हुआ था । मृतक की पहचान बेनीपट्टी बाजार निवासी बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश के रूप में हुई । बुद्धिनाथ झा आरटीआई एक्टिविस्ट के अलावा एक न्यूज वेब पोर्टल के जरिए पत्रकारिता भी करते थे । बीते 9 नवंबर की रात से ही वे अपने घर से जो गये तो फिर वापस नहीं लौटे थे ।

काफी खोजबीन के बाद परेशान परिजनों ने 11 नवंबर को बेनीपट्टी थाने में बुद्धिनाथ झा के गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी । जिसके बाद से बेनीपट्टी पुलिस लापता युवक की तलाश में जुटी थी । इसी बीच बेनीपट्टी थाना के उड़ेन गांव में स्टेट हाइवे नंबर 52 के पास सड़क किनारे झाड़ियों से करीब 22 वर्षीय युवक का अधजला शव बरामद हुआ ।

बुद्धिनाथ बेनीपट्टी प्रखंड के ही एक न्यूज़ पोर्टल बीएनएन न्यूज़ बेनीपट्टी में काम करते थे । बेनीपट्टी के ही रहने वाले बुद्धिनाथ बीते दो साल से पत्रकार के तौर पर काम कर रहे थे । बुद्धिनाथ झा के बड़े भाई त्रिलोक झा ने बताया कि पहले उसने एक क्लिनिक शुरू किया था जिसमें बाहर से आए डॉक्टर स्थानीय लोगों का इलाज करते थे । लेकिन स्थानीय नर्सिंग होम संचालकों ने उसे इतना परेशान किया कि उसे ये काम बंद करना पड़ा । इसके बाद इसने ठान लिया कि वो फर्जी नर्सिंग होम के इस धंधे को ख़त्म करेगा ।" बुद्धिनाथ पिछले तीन सालों से लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास अपने इलाके के नर्सिंग होम से जुड़ी शिकायतें भेज रहे थे । बिहार राज्य में 5 जून 2016 को लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू किया गया था । जिसका मकसद 60 कार्य दिवस के अंदर आम लोगों की शिकायतों की सुनवाई करना था । इसके अलावा वो सूचना के अधिकार का भी इस्तेमाल करते थे ।

बेनीपट्टी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एसएन झा जो बीते तीन साल से वहां पदस्थापित हैं, उन्होंने बताया कि "बीते तीन सालों में उन्होंने नर्सिंग होम और पैथलैब को लेकर लोक शिकायत निवारण के तहत बहुत शिकायतें की थीं, जिस पर यहां से जांच के बाद कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई और नर्सिंग होम के खिलाफ़ कार्रवाई भी हुई थी ।"

उनके इस तरह लगातार शिकायतों के चलते फरवरी 2021 बेनी पट्टी और धकजरी के 19 जांच घर और नर्सिंग होम को बंद करने का सरकारी आदेश हुआ । इसी तरह दिसंबर 2019 में हुई जांच में 9 नर्सिंग होम और पैथलैब को बंद करने का आदेश हुआ । अगस्त 2021 में सिविल सर्जन ने 4 निजी नर्सिंग होम पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था ।

बुद्धिनाथ के चचेरे भाई और न्यूज़ पोर्टल के प्रमुख बीजे विकास ने बताया कि बुद्धिनाथ झा 9 नवंबर को लापता हो गया, हमने इसकी शिकायत अगले दिन दी और 11 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज हो गई । सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक वो रात 9 बजे से 9.58 बजे तक घर की गली के आगे पड़ने वाली मुख्य सड़क पर फोन पर बात करते दिख रहा है । वो आख़िरी बार रात दस बजकर दस मिनट पर बाज़ार में दिखा । परेशान घरवालों ने अगले दिन बेनीपट्टी थाने में सूचना दे दी थी । पुलिस ने बुद्धिनाथ के मोबाइल को ट्रेस किया तो लोकेशन बेनीपट्टी थाने से पांच किलोमीटर दूर बेतौना गांव में मिली । 10 नवंबर की सुबह 9 बजे के बाद उनका फ़ोन भी बंद हो गया । स्थानीय पुलिस ने उनकी अंतिम लोकेशन पर जाकर जानकारी ली लेकिन कुछ ठोस नहीं मिला ।

बुद्धिनाथ के लापता होने की ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो 12 नवंबर को बुद्धिनाथ के चचेरे भाई बीजे विकास के फोन पर पड़ोस के उड़ेन नाम के गांव से एक स्थानीय व्यक्ति ने फोन किया और एक अज्ञात लाश के मिलने की जानकारी दी । विकास बताते हैं, "लाश अधजली हालत में थी । हम लोगों ने उसकी पहचान हाथ की अंगूठी, पैर के मस्से और गले की चेन से की ।"

फिलहाल बेनीपट्टी पुलिस नए सिरे से केस दर्ज कर पूरे मामले की तहकीकात में जुटी है । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चार दिन पहले ही बुद्धिनाथ झा की मौत होने की बात सामने आई है । बेनीपट्टी थाना प्रभारी अरविंद कुमार का कहना है कि इस केस में पुलिस की टीम कई पहलुओं को खंगाल रही है‌ । उम्मीद है कि जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा । मृतक के परिजनों का आरोप है कि – “बुद्धिनाथ झा आरटीआई एक्टिविस्ट के रूप में काम करता था और इसी सिलसिले में बेनीपट्टी में अवैध तरीके से संचालित कुछ निजी नर्सिंग होम के खिलाफ उसने कुछ अहम जानकारी जुटाई थी और प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी, जिसकी वजह से साजिशन उसकी हत्या कर दी गई है ।"

जवान बेटे की नृशंस हत्या की वारदात के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है । परिवार में मातम पसरा है. वहीं पूरे इलाके में दहशत का माहौल है । उक्त हत्या के विरोध में आज मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में प्रदर्शन हुआ। पटना में भी पत्रकार इस घटना के विरोध में जुट रहे हैं । इस घटना को लेकर देश भर के पत्रकारों के बीच गुस्से का माहौल है । पत्रकार कह रहे हैं कि वे हर जगह असुरक्षित हैं और संबंधित राज्य की सरकारें पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने को लेकर लगातार ढुलमुल रवैया अपनाते रहे हैं ।