पलामू में वर्षा कम होने के कारण उत्पन्न स्थिति का आकलन करने पहुंची कृषि एवं पशुपालन निदेशालय की टीम

पलामू में वर्षा कम होने के कारण उत्पन्न स्थिति का आकलन करने पहुंची कृषि एवं पशुपालन निदेशालय की टीम


-- समाचार डेस्क

-- कृषि निदेशक चैनपुर एवं चियांकी तथा पशुपालन निदेशक छतरपुर का किया दौरा
-- गुरुवार को भी टीम पलामू जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों का करेगी दौरा

पलामू में वर्षा कम होने के कारण उत्पन्न स्थिति का आकलन करने आज कृषि एवं पशुपालन निदेशालय की टीम पलामू पहुंची। टीम अलग-अलग प्रखंड क्षेत्रों का दौरा कर धान एवं बरसात के मौसम में होने वाले अन्य फसलों के आच्छादन की स्थिति का जायजा लिया। वहीं वर्षा कम होने के कारण उत्पन्न स्थिति को जाना। कृषि एवं बागवानी निदेशक निशा उरांव ने चैनपुर प्रखंड एवं मेदिनीनगर सदर प्रखंड के चियांकी क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत की एवं उनके खेत में लगने फसलों का अवलोकन किया। वहीं पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने छतरपुर प्रखंड अंतर्गत डाली पंचायत का भ्रमण कर स्थिति को जाना। कृषि पदाधिकारियों के दल के साथ कृषि एवं बागवानी निदेशक निशा उरांव एवं पशुपालन विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा गुजरात को भी विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों का दौरा करेंगे और किसानों से उनका हाल जानेंगे।

कृषि एवं बागवानी निदेशक निशा उरांव चैनपुर प्रखंड के विभिन्न गांव का भ्रमण करते हुए महुगावा में बेतला किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के कार्यालय में सभी एपीओ के सदस्य एवं किसानों के साथ बैठक की।  उन्होंने विस्तृत रूप से क्षेत्र के हर एक गांव के बारे में जानकारी ली और साथ - साथ 4 से 5 गांवों में जाकर वर्षा कम होने से उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने किसानों को आश्वास्त किया कि 100% अनुदान पर रवी के फसल सरसों में सरसों एवं चना का बीज किसानों तक पहुंचाया जायेगा। साथ ही गेहूं एवं मसूर का बीज 90% अनुदान पर किसान तक पहुंचाने की योजना है।  पूर्व में 50% अनुदान पर उपलब्ध होते थे। उन्होंने किसानों को गाय पालन , बकरी पालन , मुर्गी पालन , सूअर पालन करने के लिए बताएं। मौके पर अशोक कुमार चौरसिया,   ब्रजेश कुमार पांडेय, चैनपुर प्रखंड एवं जिला  कृषि कार्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित थे। 

उन्होंने कहा कि पलामू के विभिन्न प्रखंडों का भ्रमण के बाद में रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर यहां स्थिति का आकलन हो पाएगा और सरकार को निर्णय लेने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पलामू में बहुत कम बारिश हुई है। वहीं फसलों का आच्छादन भी अच्छी नहीं है।  उन्होंने कहा कि राज्य में कम बारिश की स्थिति के मद्देनजर निदेशालय द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। अल्प अवधि के साथ-साथ लंबे अवधि के लिए योजनाएं तैयार की जा रही है।

फसल की विविधाकरण पर जोर

कृषि निदेशक ने कहा कि फसल की  विविधाकरण को बढ़ावा दिया जाना है, ताकि धान के अलावा किसान अन्य फसलों को अपने खेतों में बोयें। इसमें पानी की खपत कम होगी और कम वर्षापात से किसानों में असमंजस की स्थिति भी नहीं रहेगी। किसानों को सम्मानजनक आय होगा। उन्होंने सब्जी की फसल लगाने पर बल दिया। उन्होंने कृषि एवं उद्यान निदेशालय की योजनाओं का अधिकाधिक लाभ लेने के लिए किसानों को ब्लॉक चेन रजिस्ट्रेशन में अपना पंजीकरण कराने की जरूरत बताई।

इधर, छतरपुर प्रखंड के डाली पंचायत के दौरा में पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने पाया की किसान द्वारा लगाए गए धान का बिछड़ा सूख रहा है या उसका उपयोग मवेशी के चारे में किया जाने लगा है। कुछ स्थानों पर धान की रोपनी हुई है, लेकिन उसकी भी स्थिति अच्छी नहीं कहीं जा सकती। साथ कुछ जगहों पर उन्होंने मक्का फसल लगा हुआ पाया, लेकिन कहा कि अगर बारिश नहीं होती है, तो यह फसल भी नष्ट हो जाएगी। उन्होंने किसानों को आपदा में अवसर तलाशने की सलाह देते हुए दलहन एवं तिलहन आदि कम पानी वाले फसलों को लगाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनकी बातचीत पलामू उपायुक्त से हुई है। इस दौरान पलामू जिला क्षेत्र में अतिरिक्त दाल- भात केंद्र का संचालन करने एवं पौधरोपण को बढ़ावा देने संबंधित चर्चा हुई है। उन्होंने किसानों को अपने खेतों में छोटे-छोटे तालाब बनाने की सलाह दी, ताकि खेत में नमी बनी रहे या उसमें एकत्र पानी का इस्तेमाल फसलों की सिंचाई में की जा सके।