छतरपुर में संचालित अवैध क्रसर उजाड़कर भागा संचालक, तब भी प्रशासन रहा खामोश

The operator ran away after destroying the illegal crusade operated in Chhatarpur, even then the administration remained silen

छतरपुर में संचालित अवैध क्रसर उजाड़कर भागा संचालक, तब भी प्रशासन रहा खामोश
छतरपुर में संचालित अवैध क्रसर उजाड़कर भागा संचालक, तब भी प्रशासन रहा खामोश

-- प्रमुख संवाददाता
-- 10 अगस्त 2021

पलामू । छतरपुर के खरवारडीह गांव के समीप पिछले कई महीने से संचालित 'सुचिता मिलेनियम' नामक अवैध मोबाइल क्रसर (ऑटोमैटिक प्लांट) को लेकर आखिरकार संचालक को भागना पड़ा । खबर है कि संचालन ने आनन फानन में सभी ऑटोमैटिक मोबाइल क्रसर प्लांट को एक स्थानीय क्रसर व्यवसायी के प्लांट में रख दिया है ।

बीते शनिवार की रात इस प्लांट एरिया में एक युवक की करंट से मौत हो गयी थी । इस घटना के बाद यह खुलासा हुआ था कि पिछले 7 महीने से भी अधिक वक्त से उक्त स्थल पर चलाये जा रहे मोबाइल क्रसर पूरी तरह अवैध हैं जो कुछ अधिकारियों की मिली भगत से चलाये जा रहे थे और जिससे प्रतिदिन लाखों का फर्जी कारोबार करके सरकारी राजस्व को चूना लगाया जा रहा था । यह क्रसर प्लांट कलकता के एक व्यवसायी का बताया जा रहा है जिसने कुछ स्थानीय कारोबारियों को साथ लेकर जबरदस्त व्यवसायिक व्यूह रचना की थी ।

युवक की मौत के बाद यह खबर प्रकाश में आयी थी कि लगभग 12 एकड़ के कैंपस में अवस्थित कई ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट पिछले कई माह से बिल्कुल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं  । इस बावत कई समाचार पत्रों और अन्य मीडिया घरानों ने संबद्ध खबर प्रकाशित-प्रसारित की थी ‌।

सुचिता मिलेनियम नामक कंपनी के उक्त ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट वैध हैं या अवैध, यह पूछे जाने पर छतरपुर एसडीओ से लेकर जिला खनन पदाधिकारी तक ने चुप्पी साध ली थी । ऑटोमैटिक क्रसर प्लांट के अवैध रूप से संचालित होने की खबर पर संबद्ध अधिकारियों ने तो कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन मीडिया के बढ़ते दबावों के बीच क्रसर मालिक ने बीते सोमवार से ही उक्त स्थल से पत्थरों का जखीरा, मशीनें और अन्य सामान हटाना शुरू कर दिया था । मंगलवार की सुबह तक परिसर लगभग खाली हो गया था । हांलाकि परिसर में मौजूद अवशेष अब भी बता रहे हैं कि कितने बड़े पैमाने पर इस अवैध धंधा का संचालन हो रहा था । राजद ने भी इस अवैध क्रसर का मसला उठाया था और पिछले 21 अगस्त को विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति ने छतरपुर अनुमंडल क्षेत्र के कई पत्थर माईंस और क्रसरों की जांच के क्रम में भी सुचिता मिलेनियम के कई मोबाइल क्रसर प्लांट को पूरी तरह अवैध बताया था ।

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