सड़मा इंटर, डिग्री और महिला कॉलेज के सचिव पर यौन शोषण और धमकी देने का मुकदमा दर्ज

A case has been registered against the secretary of Sadma Inter, Degree and Women's College for sexual harassment and intimidation

सड़मा इंटर, डिग्री और महिला कॉलेज के सचिव पर यौन शोषण और धमकी देने का मुकदमा दर्ज

-- प्रमुख संवाददाता
-- 18 जुलाई 2021

पलामू जिले के छतरपुर के सड़मा में स्थित गुलाबचंद प्रसाद अग्रवाल इंटर और डिग्री कॉलेज तथा इसी कैंपस में स्थित सुंदरवती देवी महिला कॉलेज के सचिव और प्रसिद्ध आर्किटेक्ट सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल (68 वर्षीय) पर लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र की एक 52 वर्षीय आदिवासी महिला ने कॉलेज में नौकरी देने का सब्जबाग दिखाकर यौन शोषण करने और जान से मारने की धमकी देने और एससी/एसटी का मामला मेदिनीनगर के महिला थाना में दर्ज कराया है । सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल पर महिला थाना में यह मामला केस नंबर 16/2021 दिनांक 1.7.2021 के तहत दर्ज किया गया है । मामला दर्ज होने के बाद से सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल फरार हैं और उनका फोन स्विच ऑफ है ।

उक्त मुकदमा दर्ज होने का मामला देर से प्रकाश में आया है । हांलाकि इस मामले के प्रकाश में आते ही उक्त तीनों कॉलेज के कई कर्मियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि उक्त कॉलेजों में सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल के इशारे पर कई अनियमिततायें हुई हैं जो अभी तक दबी हुयीं हैं । ऐसे लोगों का कहना था कि उक्त तीनों कॉलेज के जमीन आबंटन से लेकर फैकल्टी तक से जुड़े मामलों की जांच हो तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे ।

पीड़ित महिला का आवेदन, जिसमें उन्होंने लगाये हैं कई गंभीर आरोप

सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल "कालेज में प्राचार्य के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर लगातार उसका शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक शोषण करते रहे । परंतु आजतक नौकरी नहीं दिये । इसी बीच मेरे पति का अचानक देहांत हो गया । तब वे कहते रहे कि पति नहीं है तो क्या हुआ, हम हैं न । हम सब कुछ करेंगे, चिंता नहीं करना है । पति के देहांत होने के बाद अनाथ सी हो गयी । मेरे आगे पीछे कोई नहीं था और इसी का नाजायज फायदा सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल उठाने लगे ‌‌।

"वे मुझे भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने लगे और अपनी पत्नी की अनुपस्थिति में बार बार घर बुलाते और शारीरिक शोषण करते । और बार-बार नौकरी और पैसा देने का झांसा देते ‌। मैं उस वक्त इतनी मजबूर थी कि मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं । मेरी दो बच्ची भी है । जिसका लालन-पालन, घर का किराया, घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई सब मेरे जिम्मे में आ गया । मेरे सामने बच्चों की पढ़ाई और लालन पालन की मजबूरी हो गयी थी । उसी मजबूरी का फायदा सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल उठाते रहे । जब वे सचिव नहीं थे तब कहते कि सचिव बन जाउंगा तब तुम्हें प्राचार्य की कुर्सी पर बैठाउंगा ।

"जब वे सचिव बन गये तब दिनांक 02-05-21 दिन रविवार को इनके आवास पर गयी और नौकरी की मांग की । तब भी इन्होंने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाया । मैं मजबूर थी किसी को बता भी नहीं सकती थी । मैं पेट की मजबूरी और नौकरी की लालच के कारण हिम्मत करके फिर दिनांक 20-06-21 को जब मैं उनके आवास पर पुनः गयी तब उस दिन वे मुझे देखते ही क्रोधित हो गये और गाली गलौज करने लगे ‌। उन्होंने कहा कि आदिवासी गंवार तुम फिर आ गयी अब तुममे बचा ही क्या है ? हम तुम्हें क्यों प्राचार्य बनायें । न तो तुम प्राचार्य के लायक हो और न ही मेरे लायक । यह कहते हुए मुझे घर से बाहर निकाल दिये ।

"मैं हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती रही लेकिन वे मेरी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं हुये । साथ ही उन्होंने धमकी भी दिया कि यदि थाना गयी और किसी को भी बतायी तो मेरा पावर जानती हो न, जान से मरवा देंगे किसी को पता भी नहीं चलेगा । तब जाकर मुझे समझ में आया कि ये मुझे नौकरी का लालच देकर मेरा केवल उपभोग किये हैं । इसका नीयत केवल मेरा उपभोग करना था, न कि नौकरी देना । मैं एक सप्ताह तक पूरे खौफ में तथा डरी सहमी रही । लोक लाज तथा समाज की नजरों में गिरने के कारण यह बात मैं किसी को बता भी नहीं सकती थी । अंत में मैंने अपने आप को बड़ी मुश्किल से संभाला । मैं उनके इस तरह के कुकृत्य से आहत होकर न्याय की गुहार लगाने तथा सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कराने थाना आयी हूं ।

"अतः महोदया से विनती है कि सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कर जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई करते हुए कड़ी से कड़ी सजा दिलाने तथा मुझे न्याय दिलाने की कृपा की जाए । इसके लिए मैं आजीवन आपका आभारी रहूंगी ।"