राधाकृष्ण किशोर का मंत्री बनना : आजादी के बाद छतरपुर की तकदीर और तस्वीर बदलने की पहली उम्मीद 

राधाकृष्ण किशोर का मंत्री बनना : आजादी के बाद छतरपुर की तकदीर और तस्वीर बदलने की पहली उम्मीद 

-- अरूण कुमार सिंह

इस बार छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर छठी बार विधायक बनकर राधाकृष्ण किशोर मंत्री बन चुके हैं । वैसे, अल्पकाल के लिए वे पहले भी मंत्री बनाये गये थे । भाजपा प्रत्याशी के साथ बेहद करीबी और तगड़े संघर्ष तथा राजद प्रत्याशी के चुनाव मैदान में रहते हुए इस बार उन्होंने 736 मत से चुनाव जीता । अपने भाषणों में श्री किशोर अक्सर कहते रहते हैं कि जिस छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अब तक किसी को भी दूसरी बार विधायक बनने का मौका नहीं दिया, उसी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें छठी बार विधायक बनाया है । श्री‌ किशोर ने चुनावी कैंपेन के दौरान यह बार बार दुहराया भी है कि यह उनका आखिरी चुनाव है और इस बार वे लंबी लकीर खींचना चाहते हैं ।

राजनीति का समृद्ध अनुभव है किशोर को

वर्तमान दौर में श्री किशोर पलामू के सबसे अनुभवी और विद्वान नेता हैं । उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही की थी और पहली बार कांग्रेस के टिकट पर ही विधायक बने थे । 2005 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर JDU का हाथ थाम लिया था । 2009 में फिर से JDU छोड़कर कांग्रेस में वापसी की थी । इसके बाद 2014 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की और विधायक बने। बीजेपी में वह मुख्‍य सचेतक भी बने। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने AJSU का दामन थाम लिया था । 2020 के चुनाव में हार के बाद, उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ज्वाइन कर लिया था । 2024 के विधानसभा चुनाव में राजद से टिकट मिलने की प्रारंभिक घोषणा होने और फिर राजद कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद उन्होंने फिर से कांग्रेस में वापसी की । चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पुष्पा देवी के विरोध में बह रहे लहर और भाजपा खेमे के अति आत्मविश्वास और चुनाव लड़ने की बिल्कुल फ्लॉप रणनीति का फायदा उठाया, नए-पुराने और पुष्पा देवी से विक्षुब्ध जनता और कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में करते हुए चुनाव जीत गये ।

विधानसभा क्षेत्र की जनता को था किशोर के मंत्री बनने का विश्वास

राधाकृष्ण किशोर के अनुभव और काबिलियत को देखकर छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को विश्वास था कि इस बार चुनाव जीतने के बाद वे मंत्री बनाये जायेंगे और इलाके का विकास होगा । क्योंकि 2019 के पूर्व जब वे इलाके के विधायक थे तो उन्होंने पूरे विधानसभा क्षेत्र में सड़कों और पुल पुलिया का जाल बिछा दिया था । उनकी पहल पर कई ओपी और थाने बनाये गये थे और उग्रवाद पर लगाम भी लगा था । इस बार भी आम जनता को उनसे बहुत उम्मीद है ।

सुखाड़, पलायन, बेरोजगारी आदि के लिए चर्चित रहा है छतरपुर का इलाका

छतरपुर विधानसभा क्षेत्र सुखाड़, पलायन और बेरोजगारी के लिए हमेशा चर्चित रहा है । ग्रेनाइट उद्योग कई दशक पहले ही बंद हो चुका है । पत्थरों के बेशुमार खदानों से स्थानीय लोगों को फायदा नहीं हुआ । सुखनदिया से लेकर बटाने तक के कई जलाशय किसानों के काम नहीं आ सके । छतरपुर के इकलौते डिग्री कॉलेज में पठन पाठन का कार्य शुरू नहीं हो सका । पिछले पांच वर्षों में सरकारी महकमे में अफसरशाही और भ्रष्टाचार बढ़कर चरम पर पहुंच गए । इलाके में काम और उद्योग धंधे न होने से पलायन बढ़ता रहा और गरीब लोग और भी गरीब होते गये । करीब करीब सभी सरकारी विद्यालयों और अस्पतालों में शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर हर दिन नीचे गिरता गया । इन स्थितियों को पूर्व जनप्रतिनिधि राज्य सरकार की कमी बताकर मामले को दरकिनार करते रहे जिससे स्थिति बदतर होती चली गयी...

चुनावी कैंपेन के दौरान श्री किशोर ने बार बार दुहराया है कि चुनाव जीतने के बाद सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार उनकी पहली प्राथमिकता होगी ‌। श्री किशोर छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के एक-एक ईंच से वाकिफ हैं और अन्य विधायकों की तरह उन्हें इलाके की समस्याओं से अवगत कराने की आवश्यकता नहीं है । उनका राजनैतिक अनुभव इस पिछड़े हुए इलाके को विकास की नयी गति देगा, ऐसी सबकी कामना है ।