सुन लीजिए सरकार, पलामू में खाद बेचने वाले हमारे अन्नदाताओं को दिनदहाड़े लूट रहे हैं...

Ooo sarkar, the sellers of fertilizers in Palamu are looting our food donors in broad daylight..

सुन लीजिए सरकार, पलामू में खाद बेचने वाले हमारे अन्नदाताओं को दिनदहाड़े लूट रहे हैं...

-- अरूण कुमार सिंह
-- 19 अगस्त 2021

लुटा जाना शायद किसानों की तकदीर है ! प्रेमचंद के होरी से लेकर वर्तमान में फगुनी मेहता तक । सरकारें बदलती हैं, वक्त बदलता है, लेकिन किसानों की तकदीर नहीं बदलती । बदहाली और उपेक्षा से तंग आकर एक दशक पूर्व इच्छामृत्यु की मांग करने वाले पलामू के हजारों किसानों की फिक्र तब के सरकारों ने थोड़ी बहुत की थी । लेकिन यह सिलसिला चंद महीने बाद ही रूक गया और फिर किसान और उनकी समस्यायें जस की तस बनी रह गयी ।

आजकल स्थिति यह है कि खाद बेचने वाले दुकानदार किसानों को दिन दहाड़े लूट रहे हैं और किसानों की संबद्ध शिकायतों पर सभी विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है । सबसे बदतर स्थिति पलामू जिले के छतरपुर की है ।

पूरे पलामू जिला से इकलौती महिला विधायक पुष्पा देवी ने इस मुद्दे पर पिछले दिनों डीसी से मिलीं और एक शिकायत पत्र सौंपा । उनके साथ पूर्व सांसद मनोज कुमार भी थे । उन्होंने लिखित रूप से यह शिकायत की थी कि किसानों को खाद विक्रेता काफी उंचे दर पर खाद बेच रहे हैं । इस मुलाकात का असर यह हुआ है कि नौडीहा प्रखंड में बीएओ उपेन्द्र कुमार ने सभी दुकानों का औचक निरीक्षक कर यूरिया खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करने की बात कही है । मौके पर उपस्थित किसानों को सरकारी मूल्य पर यूरिया वितरित कराया । लेकिन यह स्थिति बहुत वक्त तक बनी नहीं रह सकी । कल कृषि पदाधिकारी ने अपने सामने कुछ किसानों को उचित मूल्य पर खाद जरूर मुहैया कराया । लेकिन उनके जाते ही सभी खाद दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें बंद कर दीं और किसान बिना खाद लिए ही वापस घर लौटे । जब प्रशासन का डर न हो, तो अमूमन ऐसा ही होता है ।

पूरे पलामू में यूरिया खाद 380 से लेकर 400 रूपये बोरा खुलेआम बिक रहा है । सरकारी दर है 266.50 पैसा प्रति बोरा । डीएपी खाद 1300 रूपये प्रति बोरा बिक रहा है । सरकारी दर है लगभग 1200 रूपये प्रति बोरा । पिछले 15 अगस्त को छतरपुर विधायक से किसानों ने उक्त आशय की शिकायत की । विधायक ने छतरपुर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी को फोन कर कहा कि हर हाल में मूल्य नियंत्रित कीजिए और सभी दुकानों के बाहर खाद का रेट चार्ट लगवाईये । यह काम आजतक नहीं हुआ ।

गुरूवार को किसानों ने छतरपुर के एक दुकानदार से उचित मूल्य पर खाद मांगा तो उसने साफ कह कर अपनी दुकान का शटर गिरा दिया कि उसके यहां खाद है ही नहीं । इसकी शिकायत किसानों ने छतरपुर बीडीओ से की । हांलाकि परिणाम कुछ भी न निकला । छतरपुर में वन विभाग के चेकनाका के पास से लेकर मेन रोड के प्रखंड कार्यालय के इर्द गिर्द तक कई दुकानदार ताल ठोंककर उंची दाम पर खाद बेच रहे हैं । नौडीहा और हरिहरगंज के अधिकतर दुकानदारों का यही हाल है । प्रखंड कृषि पदाधिकारी उनके पास जाकर मामले को तौल आते हैं । लेकिन आज तक खाद का मूल्य नियंत्रित नहीं हो सका है ।

गुरूवार को ही यह खबर आयी कि पूरे पलामू में धड़ल्ले से नकली डीएपी और यूरिया खाद बेचा जा रहा है जो पानी में धुल ही नहीं रहा है । हरिहरगंज में किसानों ने इस बात की जानकारी संबद्ध अधिकारियों को दी और इस लूट पर रोष प्रकट किया । हांलाकि न कुछ होना था, न हुआ ।

चुनाव के वक्त हर नेता किसानों के दर पर वोट के लिए झोली फैलाते हैं । लेकिन राज्य की राजनैतिक राजधानी माने जानेवाले पलामू के सांसद-विधायक अभी तक इतना भी नहीं कर पाये हैं कि वे किसानों को उचित मूल्य पर बीज और खाद दिलवा सकें । बात रही प्रशासन की, तो आम आदमी की शिकायतों पर ईमानदार कार्रवाई हो जाए तो समझ लीजियेगा कि सरकारें जाग रहीं हैं ।