पलामू सिविल सर्जन को एसीबी ने 50 हजार रूपये घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा : क्या किसी साजिश के शिकार हुए सीएस

पलामू सिविल सर्जन को एसीबी ने 50 हजार रूपये घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा : क्या किसी साजिश के शिकार हुए सीएस


-- अरूण कुमार सिंह

एसीबी ने पलामू सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी को 50 हजार रूपये घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा है । पलामू प्रमंडल का यह पहला मामला है जब किसी सिविल सर्जन को घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा गया है । इस बावत चिकित्सा विभाग से जुड़े पदाधिकारियों ने अभी तक मुंह नहीं खोला है ।

इस बावत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पलामू प्रमंडलीय कार्यालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है जिसमें कहा गया है कि- "आवेदक गोल्डन कुमार, उम्र 20 वर्ष, पिता- वकील कुमार सिंह, पता न्यु एरिया औरंगाबाद, पो0 + थाना + जिला- औरंगाबाद, बिहार, मोबाइल नं०- 7004708688 एंव 9431095865 के द्वारा इस आशय का आवेदन दिया गया कि इनके संस्था रसिअन हेल्थ केयर प्रा०लि० है जिसका जिला स्वास्थ्य समिति पलामू झारखण्ड से क्लिनिकल क्यूटरेच टीम (कॉट) का एमओयू है । जिसे दो वर्षों के लिए दिनांक 06.05.2022 को किया गया है। जिसके तहत वादी का कार्य पलामू जिला के आवंटित सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन ऑपरेशन कराना है। इनके द्वारा अब तक किये गये कार्यों की कुल राशि 1 लाख 47 हजार 400 सौ रूपये) का बिल बाकी है। उल्लेखनीय है कि इनके द्वारा कराये गये परिवार नियोजन ऑपरेशन का 10 प्रतिशत केस की जांच 'डीक्यूएसी' के द्वारा किये जाने एवं सही पाये जाने के उपरान्त नियामनुसार भुगतान किया जाना है। इस संबंध में वादी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, दीपक कुमार गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग, पलामू झारखण्ड से मिला तो दीपक कुमार गुप्ता ने बताया कि डॉ जॉन एफ कैनेडी सिविल सर्जन पलामू झारखण्ड के द्वारा बोला गया है कि एक लाख रूपये रिश्वत के रूप में देना पड़ेगा तभी आपके बिल को जमा कर भुगतान एवं एमओयू को रद्द नही किया जायेगा। वादी दिनांक 16.09.2022 को प्रातः 09:00 बजे डॉ० जॉन एफ कैनेडी सिविल सर्जन पलामू, झारखण्ड के आवास पर उनसे मिला
तो सिविल सर्जन ने भी कहा कि एक लाख रूपये दे दो तब तुम्हारा बिल जमा लेकर आपके द्वारा किये गये कार्य का जांच के पश्चात बिल का भुगतान कर दिया जाएगा एवं एक एमओयू संबंधी नये आदेश निर्गत कर दिया जाएगा जिस आदेश को दो वर्ष तक बदला भी नहीं जायेगा। वादी रिश्वत देकर कार्य नहीं कराना चाहते हैं।
तत्पश्चात् वादी द्वारा दिये गये आवेदन के तथ्यों के संबंध में सत्यापन किया गया तथा लगाये गये आरोप का सत्यापन के क्रम में आरोपी डॉ० जॉन एफ केनेडी उम्र 60 वर्ष, पिता-डॉ० उमाकान्त मिश्रा, ग्राम-चर्च रोड, डालटनगंज, जिला- पलामू वर्तमान सिविल सर्जन, पलामू के द्वारा घूस मांगने की बात सत्य पायी गयी है। वादी के लिखित आवेदन एवं सत्यापनकर्ता के सत्यापन प्रतिवेदन के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, पलामू थाना काण्ड सं0-10/2022 दिनांक- 29.09.2022 धारा 7(ए) पीसी अमेनमेंट एक्ट 2018 पंजीकृत कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। धावादल का गठन कर प्राथमिकी के नामदज अभियुक्त आरोपी डॉ जॉन एफ केनेडी को दिनांक 30.09.2022 को वादी गोल्डन कुमार से पचास हजार रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफतार किया गया ।"

बहुत झोल है स्वास्थ्य विभाग में, शहर से लेकर कस्बों तक पैसों के बल पर चलाये जाते हैं फर्जी अस्पताल

पलामू जिले का कोई शहर और कोई कस्बा ऐसा नहीं है जहां पर फर्जी चिकित्सक और फर्जी अस्पताल न हों । ये नीम हकीम इलाज और ऑपरेशन के दौरान हर हफ्ते किसी न किसी मरीज की जान लेते हैं । हर तीसरे दिन ऐसे किसी न किसी फर्जी अस्पतालों और चिकित्सकों के विरूद्ध गंभीर शिकायतें भी होतीं हैं । लेकिन इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं होती क्योंकि ऐसे हर फर्जी अस्पताल से मोटी उगाही होती है जो सिविल सर्जन तक पहुंचती है । छतरपुर, हरिहरगंज और हुसैनाबाद में ऐसे दर्जनों क्लिनिक हैं जिन्हें फर्जी चिकित्सक ताल ठोंककर चलाते हैं । यही नहीं, फर्जी तरीके से यहां बंध्याकरण भी होता है और भुगतान के अन्य कई मामले भी संपादित किये जाते हैं । एसीबी की जद में सिविल सर्जन के आने के बाद जो नए सीएस बनाये जायेंगे, उनका रूख क्या होगा, देखना है ।

विरोधियों की साजिश का शिकार हुए सीएस : परिवार व शुभ चिंतक

सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी के परिवार और शुभचिंतकों का कहना है कि- "कुछ लोग साजिश रचने में कामयाब हो गए। जब इन्हें दुबारा सिविल सर्जन बनाया गया था तो उसी वक्त से इनके विरोधियों के पेट में बहुत दर्द हो रहा था । ये विरोधियों की साजिश का शिकार हुए हैं लेकिन अंततः सत्य की विजय होगी ।"