तेंदुआ ने गांव में घुसकर एक और बच्ची को मार डाला : आखिर क्यों आदमखोर हो रहे हैं जंगली जानवर

तेंदुआ ने गांव में घुसकर एक और बच्ची को मार डाला : आखिर क्यों आदमखोर हो रहे हैं जंगली जानवर

-- अरूण कुमार सिंह

गढ़वा जिले के रंका वन प्रक्षेत्र के सिरोई पंचायत के सेवाडीह गांव के खरवार टोला निवासी जगदेव सिंह की पुत्री सीता कुमारी (7 वर्ष) को जंगली तेंदुआ ने मार डाला । की सात वर्ष को तेन्दुए ने मार डाला । मंगलवार की सुबह यह घटना उस वक्त घटी जब मृतका परिवार की अन्य औरतों के साथ शौच के लिए अपने घर के बगल में ही गयी हुई थी ।

परिजनों का कहना है कि बच्ची शौच कर रही थी कि अचानक तेंदुआ आकर उसे दबोच लिया और उसका गला फोड़ दिया । मौके पर मौजूद बच्ची की मां ने जब शोरगुल मचाया और जब गांव वाले जुटे तो तेंदुआ बच्ची को लेकर जंगल की ओर भागने लगा । लोगों ने दूर तक तेंदुआ को खदेड़ा तब वह बच्ची को छोड़कर तो भाग गया लेकिन बच्ची की जान नहीं बची । इस घटना की सूचना पाकर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची है । गौरतलब है कि पिछले दिनों गढ़वा जिले के भंडरिया इलाके में भी तेंदुआ ने एक बच्चे को उठा लिया था और उसे नोंच खाया था । पलामू के हुसैनाबाद में बीते दिनों हाथियों ने पटक पटक कर दो लोगों को मार डाला था ।

जारी है आदमखोर तेंदुआ की तलाश

वन विभाग आदमखोर तेंदुआ की तलाश में संभावित इलाकों में जाल बिछा रहा है ताकि उसे पकड़ा जा सके । पलामू टाईगर रिजर्व की ओर से निगरानी बढ़ा दी गयी है । बताया जा रहा है कि पलामू, गढ़वा, और लातेहार इलाके में 90 से 110 तेंदुआ मौजूद हैं, जिसमें से 100 के करीब तेंदुआ अकेले पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में हैं ।

खतरे की घंटी है जानवरों का बदलता व्यवहार

लातेहार और गढ़वा इलाके में पिछले एक पखवाड़े के दौरान तेंदुआ तीन लोगों की जान ले चुका है । इन इलाकों में तेंदुआ अब हिंसक हो गए हैं । जंगल से निकलकर तेंदुआ आबादी वाले इलाके में पहुंच रहे हैं और आबादी के बीच हिंसा कर रहे हैं  । वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट का कहना है कि तेंदुआ के व्यवहार में ये बदलाव सामान्य नहीं हैं । जंगल के इलाके में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ गए हैं जिस कारण वे जंगल से निकलकर आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहे हैं ।

सरकार को राजस्व चाहिए, जंगली जानवरों को बसेरा और माफियाओं को जल-जंगल-जमीन

दरअसल, सरकार को राजस्व चाहिए, जंगली जानवरों को बसेरा और माफियाओं को जल-जंगल-जमीन । पलामू प्रमंडल क्षेत्र में लगातार माईंस खुल रहे हैं । अधिकतर वैध माईंस अवैध तरीके से खोले जा रहे हैं । जंगल काटे जा रहे हैं । हैवी ब्लास्ट से जंगली जीव अस्त व्यस्त होकर गावों का रूख कर रहे हैं । यहां एनजीटी तक का आदेश बे असर है । सामान्य जीवन न जी पाने के कारण जंगली जानवरों के व्यवहार बदल रहे हैं और वे आक्रामक हो गये हैं । धीरे धीरे स्थिति तो यह बन रही है कि घबरा कर कहीं जंगली जानवर लोगों के घरों में घुसना शुरू न कर दें !