झारखंड : 5 साल पहले मर चुके युवक के वापस गांव आने की कहानी का सच

झारखंड : 5 साल पहले मर चुके युवक के वापस गांव आने की कहानी का सच


-- संवाददाता
-- 30 जनवरी 2022

सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड क्षेत्र के चंगुआ गांव में शनिवार को अचानक एक खबर पाकर लोगों का हूजूम उमड़ पड़ा । खबर यह थी कि 5 वर्ष पूर्व सर्पदंश से मरा गांव का ही युवक पंकज वापस गांव लौट गया है । यह कहानी अजीब और अविश्वसनीय थी । इसलिए इसकी सच्चाई जानने आसपास के लोग उमड़ पड़े ।

वह युवक भूखा प्यासा था । इसलिए वहां हो रहे एक समारोह में शामिल हो गया ताकि उसे भर पेट अन्न-पानी मिल सके । लोगों ने भी उसे पंकज के रूप में पहचान कर ढंग से खिलाया और उसकी खूब खातिरदारी की । यह तमाशा करीब 5 घंटे तक चला । युवक ने पहले भर पेट भोजन किया। फिर अपनी सच्चाई बयां की। उसने बताया कि वह बिहार के सहरसा जिले का रहने वाला है। गांव का नाम कांप गोइंट उत्तरवाली टोला है और उसके पिता का नाम महेश्वर प्रसाद है। उसका नाम प्रदीप कुमार यादव है। वह काम की तलाश में करीब 45 दिन पहले वह भटकते-भटकते झारखंड आ गया था । उसके पास खाने-पीने तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में वह भोजन की तलाश में  यहां के एक समारोह में शामिल हो गया। जहां एक परिवार के लोगों ने उसे अपना बेटा समझ मिला।

दरअसल, पंकज महतो की मौत 5 वर्ष पूर्व जहरीले सांप के काटने से हो गई थी। परिवार ने शव को नदी में इस उम्मीद में बहा दिया था कि पानी में सांप की जहर का असर खत्म हो जाएगा और किसी दिन पंकज जिंदा होकर वापस लौटेगा। इसी बीच मरने वाले युवक से मिलती-जुलती शक्ल का युवक गांव में पहुंच गया। गांव और परिवार के लोगों ने इसे पंकज समझ लिया। युवक कुछ बोल नहीं रहा था। लिहाजा परिवार और गांव वालों का यकीन बढ़ता चला गया। परिवार के लोगों ने बिहार के युवक को अपना बेटा समझकर खूब खातिरदारी की। पेट भर खाना खिलाया।

इसके बाद युवक ने अपनी पहचान उजागर की। युवक ने बताया कि 39 दिनों से वह केवल पानी पी कर जिंदा था। चांगुआ गांव में एक भोज कार्यक्रम में ग्रामीणों ने जब युवक को खाना मांगते देखा तो उसे गांव का पांच वर्ष पहले मरा युवक समझ बैठे। पंकज महतो के परिवार के पाकु महतो को मौके पर बुलाया गया। पुरानी तस्वीर से युवक का चेहरा से मिलाया गया। युवक देखने में कमोवेश तस्वीर के जैसा ही दिख रहा था। लिहाजा परिवार ने इसे अपना बेटा मान लिया। युवक ने जब इस अपनी कहानी बयां की तब कहीं जाकर स्थिति स्पष्ट हो सकी। लड़के ने अपने मामा का मोबाइल नंबर ग्रामीणों को दिया। पता चला कि वह बिहार से भटकते हुए यहां आ पहुंचा है। जिसके बाद ग्रामीणों ने युवक को सुरक्षित राजनगर पुलिस के हाथों सौंप दिया। जानकारी मिलने के बाद बिहार से युवक के परिजन उसे लेने के लिए झारखंड आ गये हैं ।

मर चुका व्यक्ति दुबारा जिंदा नहीं होता

झारखंड सहित देश के कई हिस्सों में यह मान्यता है कि सांप काटने वाले व्यक्ति के शव को जलाया अथवा दफनाया नहीं जाता। लोग इसे नदी में प्रवाहित कर देते हैं। लोगों का विश्वास है कि सांप काटने का जहर धीरे धीरे कम होने के बाद लोग जिंदा हो जाते हैं और ठीक होकर वापस लौटते हैं । लेकिन यह पूरी अवधारणा अंधविश्वास पर कायम है। अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें कोई व्यक्ति मरने के बाद दुबारा जिंदा हो गया हो ।