कोयला बालू और पत्थर चोर है हेमंत सरकार : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास

कोयला बालू और पत्थर चोर है हेमंत सरकार : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास


-- आशीष
-- 28 जनवरी 2022

रांची स्थित भाजपा के पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर जमकर बरसे । उन्होंने हेमंत सोरेन के परिवार को भी लपेटे में लिया ।

कहा कि जल, जंगल और जमीन के नारे की आड़ में ये सत्ता पर काबिज हुए थे । सत्ता मिलने के बाद इन्हीं का सौदा कर रहे हैं । पूरे राज्य में बालू, पत्थर, कोयला व खनिज पदार्थों, जंगल कटाई का अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है । ऐसा एक परिवार के संरक्षण में हो रहा है । एक भाई बालू-पत्थर का अवैध धंधा करता है दूसरा कोयले का । इन्होंने पुलिस प्रशासन तक को इन अवैध कामों में लगा दिया है जिसके कारण राज्य भर में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गयी है । झामुमो के विधायक ही कई बार अवैध खनन, पत्थरों की ढुलाई के खिलाफ बोलते रहे हैं । अखबारों में भी अवैध खनन, बालू-पत्थर की ढुलाई के खिलाफ खबरें प्रकाशित होती रहती हैं । कार्रवाई नहीं होती । कोर्ट का आदेश और फटकार तक बे असर है । यह खेल जब सरकार और सरकारी नुमाईंदे ही कर रहे हैं तो इन्हें रोके कौन ?

रघुवर दास ने कहा कि हमारी सरकार के समय कड़ाई करके पुराने अवैध खनन मामले में दंड के रूप में 4000-4500 करोड़ रुपये की राशि सरकारी खजाने में जमा करायी गयी । वहीं, वर्तमान सरकार तो उच्च न्यायालय के आदेश की भी धज्जियां उड़ाने से भी परहेज नहीं कर रही है । ताजा मामला शाह ब्रदर्श का है । शाह ब्रदर्स के मामले तो उच्च न्यायालय डिविजन बेंच के आदेश धज्जियां उड़ाई गयी । उच्च न्यायालय ने LPA No. 351 of 2018 मामले में एक अक्टूबर 2018 को दिये निर्णय के अनुसार उक्त कंपनी को 80 करोड़ रुपए जमा करने और सितंबर 2020 तक पूरी दंड राशि के 250 करोड़ जमा कर देना था । उक्त कंपनी द्वारा मेरे कार्यकाल लगभग 100 करोड़ रुपए जमा कराए गए । शर्तों पूरी नहीं करने के कारण उस कंपनी की माइनिंग लीज हमारी सरकार ने रद्द कर दी ।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में बालू घाटों की नीलामी के मामले में भी काफी बड़ा घोटाला किया गया है । उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के 25 माह के कार्यकाल में काम नहीं एक से बढ़कर एक कारनामे हुए हैं । बालू, कोयला और पत्थर चोर यह सरकार प्राकृतिक संसाधनों को लूट भी रही है और लुटवा भी रही है ।