झारखंड का पूर्ण बजट पेश : मईंया सम्मान योजना के लिए 13 हजार 363 करोड़ 35 लाख रुपए : खिलाड़ियों और टूरिज्म के लिए अच्छी खबर

रांची । राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड सरकार का 1,45, 400 करोड़ का बजट सदन में पेश किया । बजट में मईंया सम्मान योजना के लिए 13 हजार 363 करोड़, 35 लाख रुपए का उपबंध का प्रावधान किया गया है । जबकि सामान्य क्षेत्र के लिए 37,884 करोड़ 36 लाख रुपये, सामाजिक क्षेत्र के लिए 62,840 करोड़ 45 लाख रुपये तथा आर्थिक क्षेत्र के लिए 44, 675 करोड़ 19 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है ।
बजट पेश करने से पहले श्री किशोर ने सबसे पहले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी । शायराना अंदाज़ में विपक्ष पर जमकर निशाना भी साधा । अपने भाषण में उन्होंने उम्मीद जतायी कि केन्द्र, राज्य सरकार की बकाया राशि देगा और राज्य के विकास को गति मिलेगी । कहा कि केंद्र से बकाया पैसा नहीं मिलने के कारण कई विकास कार्य धीमे हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि जब आर्थिक रुप से राज्य मजबूत होता है तभी हमें आजादी मिलती है । राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए काम कर कर रहे हैं ।
खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर
इस बार के बजट में खिलाड़ियों के लिए भी अच्छी खबर है। झारखंड के खिलाड़ियों के सीधी नियुक्ति के लिए नियमावली बनाई जाएगी। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा है कि "राज्य के सभी गांवों में एक सिद्दो-कान्हो युवा क्लब की स्थापना की जा रही है। झारखंड उत्कृष्ट खिलाड़ी सीधी नियुक्ति (भर्ती एवं सेवाशर्त्त) नियमावली, 2025 बनायी जायेगी।"
ग्लास ब्रिज और रोप-वे का होगा निर्माण, इको-टूरिजम सर्किट का होगा विकास
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में झारखंड सरकार द्वारा राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में कई विकासात्मक कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष में दशम, हुण्डरू, नेतरहाट और पतरातू में ग्लास ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा, जो इन स्थलों को और भी आकर्षक बनाएगा। इसके साथ ही जोन्हा, हुण्डरू, कौलेश्वरी और त्रिकूट में नए रोप-वे का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे इन स्थलों तक पहुंच और भी सरल होगी। इसके अलावा वित्त मंत्री ने खूंटी जिले के पेरवाघाघ जलप्रपात और पाण्डुपुडिंग पर्यटन स्थल को इको-टूरिजम सर्किट के रूप में विकसित करने का ऐलान किया। इस योजना से इन क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। रांची जिले के तपोवन मंदिर के विकास की भी योजना है, जिसे धार्मिक पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन योजनाओं से राज्य में पर्यटन को नई दिशा मिल सकती है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी ।
किस विभाग के लिए कितना उपबंध :-
-- ऊर्जा विभाग के लिए 9894 करोड़ 35 लाख 53 हजार का बजट उपबंध
-- उद्योग विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 450 करोड़ का उपबंध
-- उद्योगों के विकास और विस्तार खासकर मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रधानता देते हुए उद्योग विभाग के लिए 486 करोड़ 31 लाख 61 हजार का उपबंध।
-- मुख्यमंत्री उज्जवल झारखंड योजना के तहत 500 करोड़ के बजट का प्रस्ताव
-- 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली के लिए 5005 करोड़ 9 लाख रुपए का प्रस्ताव
-- ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 4576 करोड़ 30 लाख 73000 का बजट प्रस्ताव।
-- पथ निर्माण विभाग के लिए 5900 करोड़ 89 लाख 28 हजार रुपए का बजट
-- वन विभाग के लिए 1381 करोड़ 99 लाख 30 हजार रुपए का बजट
-- सिंचाई सुविधाओं और सिंचाई क्षमता के विस्तार के लिए 2257 करोड़ 45 लाख 55 हजार का बजट
-- जल संसाधन के लिए 779 करोड़ 20 लाख की योजना का प्रस्ताव
-- ग्रामीण विकास के लिए 9841 करोड़ 41 लाख 61 हजार का बजट।
-- वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा के तहत 12 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित करने का लक्ष्य।
-- 118 गोदाम के निर्माण का कार्य प्रस्तावित है जिस पर 259 करोड़ 52 लाख का बजटीय उपबंध
-- कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 4587 करोड़ 66 लाख 24 हजार रुपए का बजट प्रस्तावित।
-- बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 350 करोड़ का बजटीय उपबंध।
-- 2025 26 में झारखंड राज्य मिलेट मिशन के तहत 1 लाख किसानों को अनुदान देने का प्रस्ताव, जिस पर 24 करोड़ 50 लाख रुपए बजट प्रस्तावित
-- वित्तीय वर्ष 2025-26 में दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 38 लाख 1000 मीट्रिक टन प्रस्तावित झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत करीब 4 लाख किसानों का ₹200000 तक का ऋण माफ किया गया है । इस मद में कुल 769 करोड़ खर्च किया गया है ।
-- 2025-26 में जल निधि उप योजना के तहत 203 करोड़ 40 लाख रुपए के बजट का प्रस्ताव. कृषि यंत्रों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए 8400 लाभुकों के लिए 140 करोड़ के बजट का प्रस्ताव।
-- बजट में सामान्य क्षेत्र के लिए 37,884 करोड़ 36 लाख, सामाजिक क्षेत्र के लिए 62,840 करोड़ 45 लाख और आर्थिक क्षेत्र के लिए 44, 675 करोड़ 19 लाख का उपबंध
-- बेहतर ऋण प्रबंधन पर सरकार का जोर. सिंकिंग फंड में निवेश किया जा रहा है । अब तक 2283 करोड़ का निवेश हुआ है. इससे ऋण भुगतान किया जाता है ।