पर्यावरणविद कौशल ने अपने 69 वें जन्मदिन पर अंबिकापुर में लगाये 46 वें वर्ष भी पौधे और कहा : इसी कर्मभूमि ने मुझे धर्मगुरु बनने को प्रेरित किया

पर्यावरणविद कौशल ने अपने 69 वें जन्मदिन पर अंबिकापुर में लगाये 46 वें वर्ष भी पौधे और कहा : इसी कर्मभूमि ने मुझे धर्मगुरु बनने को प्रेरित किया


-- समाचार डेस्क

मेदिनीनगर शहर के आबादगंज स्थित अपने आवास पर्यावरण भवन के ऊपरी तल  पर आकाश बाग में और कर्मभूमि छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर सरगांवां स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय परिसर में अपने 69 वें जन्मदिन पर विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर्यावरणविद् कौशल किशोर जायसवाल ने पौधे लगाये और कहा कि जन्मभूमि और कर्मभूमि ने ही मुझे पर्यावरण धर्मगुरु बनने के लिए प्रेरित किया ।

उन्होंने कहा कि वे अपने 69 वें जन्मदिन के 46 वें वर्ष तक लगातार लाखों पौधे लगाने और उन्हें संरक्षित करने में अगर कामयाब हुये हैं तो यह प्रकृति का ही आशीर्वाद है । प्रदूषण और घटते वनों को रोकने के उद्देश्य से उन्होंने वर्ष 1977 में पर्यावरण धर्म के तहत पौधे लगाने और बचाने की शुरुआत की थी । पर्यावरण के आठ मूल ज्ञान मंत्रों के साथ लोगों से अपने धर्म के साथ साथ पर्यावरण धर्म निभाने का अभियान भी चलाया जो अबतक सार्थक सिद्ध हुआ है ।

वनराखी मूवमेंट के अगुआ कौशल ने कहा कि पर्यावरण धर्म का 8 मूल मंत्र का पहला सूत्र के तहत  जीवन के जन्मदिन या कोई भी शुभ कार्य के अवसर पर पौधा लगाना ही है। उन्होंने  इस धर्म को अभियान के रूप में नेपाल भूटान समेत  देश के 22 राज्यों के 108 जिलों में अपनी  निजी खर्चों पर चलाकर आजतक  पर्यावरण धर्म का पाठ पढ़ाते आ रहे हैं। वहीं  पर्यावरण धर्म के 8 मुल ज्ञान मंत्रों को भी  अपनाने के लिए  शपथ भी दिलाते आ रहे हैं।

पर्यावरणविद् कौशल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी नवरात्र में प्रकृति कलश यात्रा  के तहत तीन राज्यों के 6 जिलों में पांच हजार कन्याओं को पौधा पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उसी लक्ष्य के तहत आज यात्रा के छठे  दिन अंबिकापुर के सरगांवां कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कन्याओं को पौधा पानी दिया गया। श्री जायसवाल ने कहा कि सृष्टि को बचाना है तो शिव के समान वृक्ष और देवी के समान कन्याओं को सेवा करना ही होगा । जिस तरह लोग नवरात्र पूजा में अपना सुख शांति के लिए कन्याओं को घर में बुलाकर भोजन पानी कराते  हैं उसी प्रकार धरती मां के ज्वाला को शांति के लिए कन्याओं को पौधा पानी देना लाभकारी साबित होगा।

पर्यावरण धर्म पर गोष्ठी के उच्च आयोजन व प्रकृति कलश यात्रा में शामिल शिक्षक व स्कूली बच्चों ने पर्यावरणविद कौशल को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का समापन वृक्षों पर रक्षाबंधन कर किया गया। मौके पर वार्डेन गुलाब खेस , सीमा गुप्ता, चंद्रकला, अनुराधा जायसवाल, मिताली गुप्ता आदि शामिल थे।