स्वामी विवेकानंद की जयंती पर जीसीपीए कॉलेज में जयंती सह युवा महोत्सव का समापन समारोह आयोजित

छतरपुर (पलामू) । छतरपुर नगर पंचायत क्षेत्र स्थित गुलाबचंद प्रसाद अग्रवाल कॉलेज सड़मा में स्वामी विवेकानंद जयंती सह युवा महोत्सव का समापन समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रभारी प्राचार्य प्रो राजकिशोर लाल ने कहा कि कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में जन्मे विवेकानंद का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जिनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ था। वे शुरू से ही आध्यात्मिकता की ओर झुकाव रखते थे। वे पश्चिमी दुनिया में वेदांत और योग के भारतीय दर्शन को पेश करने में एक प्रमुख व्यक्ति थे। उन्होंने औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ने के लिए एक उपकरण के रूप में भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा में योगदान दिया। विवेकानंद ने रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। उन्हें शायद अपने भाषण के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, जिसकी शुरुआत "अमेरिका की बहनों और भाइयों ..." शब्दों से हुई थी, जिसमें उन्होंने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म का परिचय दिया था। उनकी कृतियों पर विशेष चर्चा करते हुए श्री राजकिशोर ने कहा कि आज के युवा भी किसी रूप में कम नहीं हैं । वे अपनी स्किल और बुद्धि से देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी सहभागिता निभा सकते हैं। वहीं प्रो अखिलेश सिंह एवं अमित कुमार सिंह ने स्वामी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।
कॉलेज के खेल विभाग द्वारा वार्षिकोत्सव खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ । लुड्डो, कैरम तथा चेस का खेल विद्यार्थियों के बीच कराया गया। मंच का संचालन योगेंद्र विश्वकर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो मुन्नी देवी ने किया। मौके पर कॉलेज सभी कर्मियों सहित सैकड़ों विद्यार्थी मौजूद थे ।