विधानसभा में नमाज का कमरा आबंटित करने को लेकर आज भाजपा ने सड़क से सदन तक किया हंगामा

Today BJP created a ruckus from road to house over allotment of prayer room in the assembly

विधानसभा में नमाज का कमरा आबंटित करने को लेकर आज भाजपा ने सड़क से सदन तक किया हंगामा

-- प्रमुख संवाददाता
-- 8 सितंबर 2021

विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आबंटित करने और नियोजन नीति को लेकर आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने रांची में सड़क से सदन तक हंगामा किया । बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बुधवार को इस मुद्दे पर विधानसभा का घेराव किया। कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़ कर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रोकने का प्रयास किया । स्थिति नियंत्रित नहीं हुई तो लाठीचार्ज कर दिया । लाठी चार्ज की घटना के खिलाफ भाजपा ने एक दिन का झारखंड बंद बुलाने की घोषणा की है जिसकी तारीख का एलान जल्द किया जायेगा । झारखंड विधानसभा के स्पीकर ने विधानसभा भवन में कमरा संख्या टीडब्ल्यू- 348 को नमाज कक्ष के रूप में आवंटित किया है । भाजपा इसी का विरोध कर रही है ।

बुधवार को भाजपा ने विधानसभा के घेराव का एलान किया था । भाजपा के हजारों कार्यकर्ता हरमू मैदान में इकट्ठा हुए । लगभग 12 बजे हजारों कार्यकर्ताओं ने विधानसभा मार्च शुरू किया । विधानसभा से लगभग एक किलोमीटर पहले जगन्नाथपुर मंदिर से थोड़ा आगे पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर रखी थी । यहां भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं ने लगातार तीन बार बैरिकेडिंग तोड़ी । उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और वाटर कैनन से पानी की बौछार की गयी । इसी दौरान चार कार्यकर्ता घायल हो गये । इसे लेकर विधानसभा परिसर में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व सीएम रघुवर दास, सांसद संजय सेठ सहित अन्य नेताओं ने धरना दिया ।

लाठी चार्ज के विरोध में विधानसभा में भवनाथपुर से भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने सदन में रिपोर्टिंग टेबल पर चढ़कर बवाल काटा । भाजपा के अन्य विधायकों ने भी वेल में पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की‌ । इसी हंगामे के बीच विधानसभा में झारखंड नगरपालिका नियमावली, प्राइवेट संस्थानों में स्थानीयों को आरक्षण देने और झारखंड राज्य सेवा एवं माल कर से जुड़े तीन विधेयक पारित करा लिये गये ।

पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा- "मुझे भी मारने की कोशिश की गई, लेकिन मेरी सुरक्षा में लगे जवानों ने बचा लिया है। हेमंत सोरेन की सरकार विपक्ष की आवाज को कुचलना चाहती है। सरकार नियोजन नीति, बेरोजगारी, बेकारी पर चर्चा नहीं करना चाहती है। कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय के बाद भी सरकार इससे भाग रही है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है।"

मुख्यमंत्री ने उक्त हालात पर यह कहा -

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह तय करने के लिए आपको मौका मिला था लेकिन आपने खो दिया । उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि किसी भी हालत में झारखंड के गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक और आदिवासियों को उनका अधिकार न मिले । सीएम ने कहा- पांच साल जनता ने आपलोगों को इस राज्य के लिए कुछ करने का मौका दिया था। लेकिन आप लोग कुछ कर नहीं पाये। नतीजा जनता ने आपलोगों को विपक्ष में बैठा दिया। अगर यही हाल रहा तो वहां पर भी बैठने के लाइक नहीं रहेंगे। राज्य सरकार जनहित में काम कर रही है तो आप लोगों को समस्या हो रही है ।