पलामू डीसी के कहने पर 4 जनजाति महिलाओं ने हमेशा के लिए छोड़ा हड़िया और दारू बेचने का काम

पलामू डीसी के कहने पर 4 जनजाति महिलाओं ने हमेशा के लिए छोड़ा हड़िया और दारू बेचने का काम


-- अरूण कुमार सिंह

उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे गुरुवार को जिले के आदिम जनजाति बहुल पंचायत रामगढ़ प्रखंड के नवाडीह पहुंचे । यहां वे नवाडीह पंचायत भवन में आयोजित आदिम जनजाति के लोगों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए । इस दौरान उपायुक्त कोरवा व परहिया जाति के लोगों से बात कर उनकी समस्याओं व मांगो से अवगत हुए । इस दौरान कई लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया ।

कोरवा व परहिया जाति के 4 महिलाओं ने छोड़ा हड़िया-दारू बेचने का काम, उपायुक्त ने सौंपा 10-10 हज़ार का चेक

आदिम जनजाति के लोगों के साथ संवाद कार्यक्रम में उपायुक्त श्री दोड्डे ने कोरवा व परहिया जाति के 4 महिलाओं के बीच 10-10 हज़ार रुपये का चेक सौंपते हुए हड़िया-दारू बेचने का कार्य छोड़ कुछ नया स्वरोजगार से जुड़ने की अपील की ।‌ इस दौरान सभी महिलाओं ने उपायुक्त को आश्वस्त कराया कि वे अब हड़िया-दारू नहीं बेचेंगे । इसी तरह संवाद के दौरान 5 लोगों ने पेंशन नहीं होने संबंधित शिकायत की सभी का पेंशन ऑन स्पॉट स्वीकृत कर दिया गया । इसी तरह आगामी ठंड के मद्देनजर उपायुक्त ने 50 से अधिक लोगों के बीच कंबल का वितरण किया । वहीं 25 लोगों के बीच धोती-साड़ी का वितरण किया ।

दोना-पत्ता बनाने के मशीन से आदिम जनजातियों के जीवन में बदलाव लाने का किया जा रहा प्रयास

संवाद कार्यक्रम में लोगों ने उपायुक्त से गांव में बिजली नहीं होने की बात कही । इस पर उपायुक्त ने कहा कि जल्द ही सर्वे कराकर जहां बिजली नहीं है वहां इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य करा दिया जायेगा । उपायुक्त ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के जो युवा शिक्षित हैं वे मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से जुड़ कर खुद को स्वरोजगार से जोड़ें ।‌ उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग की ओर से बेरोजगार युवक-युवतियों के बीच 25 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है जिसमें 40 फीसदी की सब्सिडी भी दी जाती है ।‌ उन्होंने कहा कि यहां के लोगों के विकास के लिये डीएमएफटी के माध्यम से दोना-पत्ता बनाने का मशीन लगाया जायेगा जिसका मकसद आदिम जनजातियों के जीवन में बदलाव लाने का है । इसके पूर्व बीडीओ  पार्थ नंदन ने उपायुक्त को रामगढ़ प्रखंड की भौगोलिक जानकारी से अवगत कराया । मौके पर उपरोक्त के अलावे सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक पीयूष, रामगढ़ के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, अंचलाधिकारी संजय बाखला, स्थानीय, पंचायत समिति सदस्य समेत बड़ी संख्या में आदिम जनजाति समुदाय के लोग उपस्थित थे ।