जंगल में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश था एक आरटीओ कांस्टेबल का : पढ़िये कि यह मामूली आदमी कैसे बना धनकुबेर

जंगल में मिला 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश था एक आरटीओ कांस्टेबल का : पढ़िये कि यह मामूली आदमी कैसे बना धनकुबेर

-- अपना हिन्दुस्तान के लिए भोपाल से दिनेश रावत की रिपोर्ट

भोपाल । मेंडोरी के जंगल में 52 किलो सोने और करीब दस करोड़ कैश से लदी इनोवा कार बरामद हुई थी । इनकम टैक्स विभाग के अफसरों ने जंगल से यह कार बरामद की थी । इस बावत इनकम टैक्स की जांच जब आगे बढ़ी और कई संबद्ध सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये तो पता चला कि यह कार अरेरा कॉलोनी से निकलकर मेंडोरी के जंगल तक पहुंची थी । यह कार अकेली नहीं थी । बल्कि 3 गाड़ियों के काफिले ने इसे जंगल तक पहुंचाया था । यह कार चेतन गौड़ के नाम पर रजिस्टर थी ‌। चेतन ने इनकम को बताया था कि कार में मिला सोना और कैश सौरभ का है ।

कार को जंगल तक ले गया था सौरभ का एक रिश्तेदार

इनकम टैक्स की पूछताछ में सामने आया है कि कार को जंगल तक ले जाने में सौरभ के एक रिश्तेदार का हाथ था, जिसे वह जीजा कहता है । इसमें उस रिश्तेदार का बेटा भी शामिल था । उन दोनों ने काफिले की सुरक्षा के साथ कार को जंगल तक पहुंचाया था । कार जिस प्लॉट पर मिली थी, वो भी सौरभ की रिश्ते में मौसी लगने वाली एक महिला की बेटी के नाम पर रजिस्टर है ।

जानिये कि कौन है यह सौरभ ?

सौरभ, यानी सौरभ शर्मा । यानी पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल । सौरभ शर्मा मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला है । अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकम्पा नियुक्ति पर परिवहन विभाग में नौकरी मिली थी। 12 साल की नौकरी के दौरान उनकी जीवनशैली और संपत्ति में भारी बदलाव आया, जिससे शक पैदा हुआ। अधिकारियों से टकराव और आरक्षित ज़मीन पर बने एक स्कूल को लेकर शिकायतों के बाद, शर्मा ने रियल एस्टेट के काम पर ध्यान देने के लिए जल्दी रिटायरमेंट ले लिया। एक साधारण RTO कांस्टेबल से करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनने की शर्मा की कहानी लोगों को काफी हैरान कर रही है ।

लोकायुक्त ने की थी शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी

जंगल में कार, सोना और कैश मिलने के कुछ ही दिन पूर्व लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा और उसके साथी चंदन सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी । उसके बाद ED ने सौरभ और उसके रिश्तेदारों के यहां भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में छापेमारी की थी । इस छापेमारी में शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित घर से 2.5 करोड़ रुपए नकद, सोना-चांदी के जेवर और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले। इन संपत्तियों की कुल कीमत 3 करोड़ रुपए से ज़्यादा आंकी जा रही है। सौरभ शर्मा ने एक साल पहले परिवहन विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। अब वह रियल एस्टेट के कारोबार में है।

शर्मा की डायरी ने खोले कई राज

सौरभ के घर से जब्त डायरी में परिवहन चेक पोस्ट से वसूली का रिकॉर्ड भी मिला है । इसमें परिवहन चौकियों के हिसाब का ब्योरा है, जो कई डायरियों में दर्ज है । इनमें मध्यप्रदेश के कई चेक पोस्ट से रोजाना होने वाली वसूली का जिक्र है । डायरियों के अलावा एजेंसियों को कई टेक्निकल एविडेंस भी मिले हैं, जिनकी जांच जारी है । शनिवार को सोशल मीडिया में एक कथित सूची वायरल हुई, जिसमें TM और TC जैसे शब्दों के साथ नीचे परिवहन चौकियों के नाम और उसके आगे राशि लिखी हुई है । राशि हजार में, लाख में या करोड़ में है, यह सूची में नहीं है । अनुमान लगाया जा रहा है कि सूची में लिखा TM यानि ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर और TC यानि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हो सकता है । हालांकि किसी भी जांच एजेंसी ने फिलहाल इस सूची को अधिकृत नहीं किया है । सौरभ के घर पर सबसे पहले रेड मारने वाली लोकायुक्त ने भी ऐसी किसी सूची की जानकारी होने से इनकार किया है ।

लोकायुक्त की छापेमारी में ही करोड़पति निकला था पूर्व कॉन्स्टेबल

लोकायुक्त की छापेमारी में शर्मा के कई प्रॉपर्टी, एक होटल और एक स्कूल में निवेश का भी पता चला था । शर्मा से जुड़ी प्रॉपर्टी भोपाल सहित कई जिलों में फैली हुई हैं। भ्रष्टाचार और अवैध भूमि उपयोग की शिकायतों के बाद यह जांच शुरू हुई थी।